google-site-verification=rm70XEMbxZyoRS7xtCfISNAPDIK_x3QyPbKOZd13PUc गर्मी की शाम ~ shayarvats

गर्मी की शाम

गर्मी की शाम 

कितनी तपिश है इन फिजाओं में
अए हवा तू ही बता
तुम्हें भी कोई ठंडी हवा सुलाती होगी न?
सुलाती होगी
तभी तो शांत और मौन है
कोई नवजात शिशु सा,
अलमस्त अंगड़ाई लिए हुए हो ।
या अलसाई शयाने सा
चादर में गुम हो
बेशक चादर में गुम हुए होगे
है न ? 
नही तो 
हमारे होठो पे भी मुस्कान न होती
नवजात के बेपरवाही की
गाहे-बगाहे निंदो में शैतानी की
खैर चलो जाने भी दो...
ऐ लो! मेरा भी चादर लेलो
जाओ सो जाओ
तपिश की शिकन ही सही
हमें मीठे सपनो का आनंद तो ले लेने दो।।
बाय बाय टाटा शुभ रात्री
कल सुबह आना ठंडाई बनके
टा टा...
आप सभी को भी शुभ रात्री
सो जाओ ना🙏🤣🤣

आप सभी का प्यारा ✍️

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