google-site-verification=rm70XEMbxZyoRS7xtCfISNAPDIK_x3QyPbKOZd13PUc मेरा अहसास ~ shayarvats

मेरा अहसास

# मेरा अहसास #

कट चुके है पेड़, बाशिंदों का बसेरा कहाँ हैं
देखा रौशनदान, नन्ही सी जान रहता यहाँ है
सुबह से चीं-चीं करना 
फुर्र.... से पंखे पे लटकना
टुक-टुक करके नल टक-टकाना 
पुचक-पुचक के अठखेलियाँ करना 
फिर शुकू का जुहूम, 
मेरे होठों से दिल पे उतरना ।।
वकई अपनों सा सुकून देता है !
                    ✍️ रवि कुमार साहू


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