जाने आपके रोजमर्रा के जीवन में उपयोग होने वाले टूथपेस्ट और साबुन के बारे में।
साबुन में TFM और Grade क्या है?
सबसे अच्छा साबुन कौन-सा है?
some interesting knowledge.
इन रंगो की धारियों से जाने आप किस तरह की टूथपेस्ट इस्तेमाल करते हैं?
=>टूथपेस्ट की कंपनियां अपने उत्पादों की कमियां छिपाने के लिए पुरी जानकारी न देकर टूथपेस्ट के नीचे विभिन्न रंगो के पट्टियों के माध्यम से अपने उत्पाद के बारे में बताते है। तो आइये समझते है इन संकेतों की दुनियां को -
🔹लाल रंग की पट्टी - इस प्रकार के टूथपेस्ट काले रंग की पट्टी वाली से थोड़ा कम हानिकारक होता है इसमें केमिकल के साथ साथ प्राकृतिक चीजों का भी इस्तेमाल किया गया होता है।
🔹नीले रंग की पट्टी - इस रंग की पट्टी वाली टूथपेस्ट काफी हद तक सूरक्षित मानी जाती है इसमें हानिकारक केमिकल की अपेक्षा अधिक मात्रा में प्राकृतिक चीजों का इस्तेमाल किया गया होता है।
🔹हरे रंग की पट्टी - इस तरह की टूथपेस्ट सबसे अधिक सूरक्षित मानी जाती है इस रंग की पट्टी का मतलब इसमे केवल प्राकृतिक चीजों के इस्तेमाल किया गया है।
=> जानिए आपके टूथपेस्ट में पाये जाने वाले इन बेहद हानिकारक केमिकल्स के बारे में और कौन सा टूथपेस्ट आपके लिए सही है?
टूथपेस्ट में उपयोग की जाने वाली केमिकल्स -
१) सोडियम लाॅरेल सल्फेट - इसका इस्तेमाल झाग बनाने के लिए साबुन, डिटर्जेंट के साथ साथ टूथपेस्ट में भी किया गया है यह शरीर के लिए बेहद ही हानिकारक और कैंसर कारक है। इसका इस्तेमाल बहुत देशो में प्रतिबंधित है।
२) फ्लोराइड - यह एक जहरीली तत्व है लम्बे समय तक इसका इस्तेमाल करने से हमारे दांतो, दिमाग , हड्डियों, पाचनतंत्र, दिल को नुकसान पहुंचता है। जबकि कंपनियों का मानना है यह दांतो के सड़न को रोकता है।
३) ट्राइक्लोसन - टूथपेस्ट व साबुन कंपनियां इसका इस्तेमाल एंटीबैक्टीरियल और एंटीफंगल तत्व के रुप में करता है किंतु इसके लगातार इस्तेमाल से बड़ी आंत में सूजन व कैंसर का खतरा होता है इसे बहुत से देशों में प्रतिबंधित किया गया है।
४) टेट्रासोडियम पायरोफॉस्फेट - यह तीखा होता है और जलता है वैसे तो यह अंदर के दांतों की सुरक्षा करता है किंतु अधिक इस्तेमाल से यह जमने लगता है।
५) पोटेशियम नाइट्रेट या स्टेनोस फ्लूराइड -
दांतों के संवेदनशील व झनझनाहटक रोकने के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता है किंतु यह सिर्फ समस्याओं को दबाता है यह उचित इलाज नहीं है।
६) हायड्रेटेट सिलिका - टूथपेस्ट में इस केमिकल का उपयोग दांतो को चमकाने व सफेदी लाने के लिए किया जाता है लेकिन यह बच्चों के लिए हानिकारक होता है।
इन हानिकारक तत्वों को टूथपेस्ट के डिस्क्लेमर पेज पर लिखा हुआ देखा जा सकता हैं। एक अच्छे टूथपेस्ट की बात की जाए तो विको, बेन्टोडेन्ट, बायोटेक, पतंजली दंत मंजन, लाल दंत मंजन आयुर्वेद है ये सभी हानिकारक केमिकल रहित होते हैं।।
साबुन में TFM और Grade क्या है?
TFM (Total fatty matter) यानि कि कुल वसायुक्त पदार्थ। यह साबुन का वर्गीकरण और गुणवत्ता निर्धारण करता है किसी साबुन का TFM प्रतिशत जितना अधिक होगा वह उतना ही हमारे लिए अच्छा होगा। इस आधार पर साबुन को तीन ग्रेड में बांटा गया है-
ग्रेड १ - नहाने का साबुन TFM प्रतिशत 76% या उससे अधिक। जैसे - पार्क एवेन्यू, पतंजली मुल्तानी मिट्टी, नेवेआ, सिंथोल, गोदरेज नं. १... इत्यादि।
ग्रेड २ - ट्वाईलेट साबुन TFM प्रतिशत 75% - 70%
इस्तेमाल - ट्वाईलेट में। जैसे - लक्स, डव, संतूर, जो, मारगो एवं HUL के कई उत्पाद इत्यादि।
ग्रेड ३ - कार्बोलिक साबुन TFM प्रतिशत 60% - 70% इस्तेमाल - फर्श साफ या जानवरों को नहलाने में।
जैसे - लाइफबाॅय, हमाम।
* साबुन का TFM प्रतिशत व ग्रेड साबुन के डिब्बे के पीछे लिखा हुआ देखा जा सकता है।
संतूर साबुन (ग्रेड 3, TFM 68%)
संतूर = एक प्रकार का तार युक्त वाद्ययंत्र जिसकी आवाज बेहद ही सुमधुर होती है।
चंद्रिका आयुर्वेदिक साबुन (ग्रेड 3, TFM 65%)
चंद्रिका = चंद्रमा का प्रकाश।
यह एक भारतीय कंपनी विप्रो लि. का उत्पाद है इस कंपनी की स्थापना अजीम प्रेमजी के पिता मोहम्मद प्रेमजी ने 1945 में 'वेस्टर्न इंडिया वेजिटेबल प्रोडक्ट्स लिमिटेड' नाम से किया था जिसे अजीम प्रेमजी ने बाद में विप्रो लिमिटेड के रुप में पुनर्स्थापित किया। यह IT (कम्प्युटर हार्डवेयर & साफ्टवेयर) सेक्टर की तीसरी सबसे बड़ी भारतीय कंपनी है। अजीम प्रेमजी एक व्यवसाय प्रमुख, निवेशक और समाजसेवी है वे भारत की सबसे बड़े दानी में एक माने जाते है अब तक उन्होंने अपनी संपत्ति का 67% यानि 1.45 लाख करोड़ रु. दान कर चुके है। विप्रो के अन्य उत्पाद - यार्डली (बेबी स्प्रे) तेजस (LED Bulbs), स्मार्टलाइट CFL, टाॅयलेटरीज़, पर्सनल केयर, बेबी केयर, होम केयर, इलेक्ट्रॉनिक वायर, आॅफिस फर्नीचर , रिफाइंड तेल, हाइड्रोलिक सिलेंडर सहित अन्य लगभग 15 उत्पादो का निर्माण करती है।
लाइफ बॉय - साबुन ( ग्रेड 3 ,TFM 60% )
लाइफबाॅय = जीवन रक्षक पेटी।
डव साबुन ( ग्रेड -, TFM - )
डव = कबूतर की तरह छोटा और खुबसूरत पक्षी।
रेकसोना साबून ( ग्रेड 2 TFM 70% )
रेकसोना = दुर्गन्ध दूर करने की औषधी।
लक्स साबून ( ग्रेड 2 TFM 70% )
लक्स = प्रकाश, विलासिता।
हमाम साबुन (ग्रेड 3 TFM 68%)
इन सभी साबुनो का निर्माण इंग्लैंड की कंपनी हिंदुस्तान यूनिलिवर लिमिटेड (HUL) करती हैं जिसे 1929 में इग्लैंड के लीवर बंधुओ द्वारा स्थापित किया गया था इस कंपनी के लाभ का 67% हिस्सा इंग्लैंड को जाता है। अन्य खाद्य सामग्री - हिन्दुस्थान इटली रवा, अन्नपूर्णा नमक और आटा, ब्रू कॉफी, बॉन्ड (3 रोसेस, ताज महल, ताज़ा, रेड लेबल) चाय, किसान केत्च अप, लिपटोन चाय, क्नोरर सूप, क्वालिटी वाल, मेगनम आइस क्रीम। घरेलू सामान - एक्टिव व्हील डिटर्जेंट, किफ क्रीम क्लीनर, कम्फर्ट फबरिक सोफ़्टेंटर, रिन डिटर्जेंट, सर्फ एक्सेल, विम दिशवश, मैजिक वॉटर सेवर, टूथपेस्ट (क्लोज़ अप, पेप्सोडेंट, सनसिल्क), सनसिल्क - सेमपू, पुरेट वॉटर पुरीफ़ियर, वेसलिन।
नं. 1 साबुन (ग्रेड 1 TFM 76%)
नं. 1 = सबसे पहले।
सिंथाॅल साबुन (ग्रेड 1 TFM 76%)
सिंथाॅल = गुणों से सम्पन्न।
ग्रेड और TFM के हिसाब से यह साबुन अच्छी गुणवत्ता वाली मानी जाती है।
इस साबुन का निर्माण हिंदुस्तान की गोदरेज कंपनी करती है जिसकी स्थापना 1897 में अर्देशिर गोदरेज और फीरोजशा गोदरेज ने किया था।
सर्जरी कैंची और ब्लेड से शुरुआत करने वाली यह कंपनी आज 20 से अधिक सामग्रियों निर्माण करती है और विश्व के करीब 50 से अधिक देशो में अपना व्यापार करती है। वर्तमान में इस कंपनी के मालिक आदि गोदरेज जी है। यह कंपनी काला हिट, लाल हिट, गुड नाइट, प्रोइफेक्टिव मेगा ग्रोथ, गोदरेज एयर, फ्रिज, वाशिंग मशीन, एसी, माइक्रोवेव ओवनस्, बैटरीज, टार्च, शिकाकाई, नीम साबुन, सैनिटाइजर, डिलक्स लेदर सेविंग क्रीम, हेयर कलर, नूपुर मेंहदी, हेयर तेल, जेट पेन इसके अलावा और बहुत से उत्पाद बनाती है।
मेडिमिक्स साबुन ( ग्रेड 3 TFM 60%)
मेडिमिक्स = मेडिसन + मिक्स।
जिसका अर्थ दवाईयों का मिश्रण कहा जा सकता है।
यह एक भारतीय ब्रांड हैं जिसकी स्थापना 1969 में स्व. वीपी सिद्धन ने किया था। यह साबुन आयुर्वेदिक और हर्बल हैं। इसे चोलायिल नामक कंपनी द्वारा निर्मित किया जाता है जो कि चेन्नई में स्थित है। वर्तमान में इसे उत्तर में प्रदीप चोलायिल (सिध्दन का बेटा) और दक्षिण में एवीए समूह, अनूप (सिध्दन का दामाद) द्वारा बनाया जाता है। यह हर्बल ब्रांड विभिन्न प्रकार की त्वचा के अनुरूप साबुन, हैंड वॉश और फेस वॉश बनाता है।
मार्गो साबुन ( ग्रेड 2 TFM 71%)
इसे एक भारतीय कंपनी ज्योति लैब्स द्वारा बनाया जाता है जो कि एक हर्बल और आयुर्वेदिक साबुन है इसका मुख्य घटक नीम बताया जाता है। इसे सबसे पहले खगेंद्र चंद्र बोस 1920 में बनाया था और हेंकेन इंडिया इसका निर्माण करता था।
डेटाॅल साबुन (ग्रेड 1 TFM 76%)
अपने विशिष्ट गंध, स्वच्छता और साफ-सफाई के लिए जाने जाना वाला यह साबुन ब्रिटिश कंपनी रेकिट बेंकिजर का उत्पाद है। इस कंपनी की स्थापना रेकिट बेंकिजर नामक शख्स ने सन् 1814 में किया था। भारत में इसकी शुरुआत 1933 में हुआ था। यह कंपनी डेटाॅल के कई उत्पाद बनाने के साथ-साथ, लाइजॉल, ड्यूरेक्स, स्ट्रेप्सिल्स, वेनिश, हारपिक, विट, हवा फ्रेशनर एयर विक, मोर्टिन और कई प्रायोगिक सामग्रियों जैसे ब्रांड का भी स्वामित्व रखती है। वर्तमान में क्रिस्टोफर ए सिनक्लेयर इस कंपनी के अध्यक्ष और लक्ष्मण नरसिम्हन इसके सीईओ है। साथ ही इस कंपनी के ज्यादातर उत्पाद केमिकल युक्त होने के कारण इसके कई पर्यावरणीय ह्रास विवाद सामने आता रहता है।
निमा सेंडल साबुन ( ग्रेड 1 TFM 76%)
निरमा लाइम ताजा ( ग्रेड 1 TFM 76%)
निरमा ब्यूटी सोप ( ग्रेड 1 TFM 76%)
निरमा = कंपनी के संस्थापक करसनभाई पटेल ने अपनी बेटी निरुपमा के नाम पर निरमा रखा था।
यह सभी उत्पाद भारतीय कंपनी निरमा बनाती है, जिसे 1969 में भारतीय भावनाओं से ओतप्रोत डाॅ. करसनभाई पटेल ने स्थापित किया था और उस समय ब्रिटिश कंपनी HUL का एक जबरदस्त प्रतिद्वंद्वी था। कंपनी के अन्य प्रमुख उत्पाद- वाशिंग पाउडर निरमा, पापुलर निरमा, क्लीन, शुध्द नमक, नुवोको सीमेंट्स, जीरो एम वॉल पुट्टी, मेडिकल डिस्पोजल, इंजेक्शन, कई प्रायोगिक, औद्योगिक सामग्रियां, तथा इमामी सीमेंट, लाफार्ज सीमेंट इसी के स्वामित्व के अंतर्गत आते है इसके अलावा निरमा इंजीनियरिंग कॉलेज और विश्वविद्यालय भी चलाते हैं।
आयुर्वेदिक साबुन -
हिमालया नीम & टर्मेरिक साबुन (ग्रेड 1 TFM 76%)
यह एक बहुराष्ट्रीय भारतीय कंपनी हिमालय ड्रग कंपनी का उत्पाद है जिसे 1930 में मोहम्मद मनल द्वारा स्थापित किया गया था। वर्तमान में मेराज मनल इस कंपनी के मालिक है। वर्तमान में यह कंपनी विश्वभर में अपने कई उत्पादों के साथ व्यापार करती है। कंपनी के अन्य उत्पाद - हिमालया फ्रेस वाश, नेचुरल शाइन हेना मेंहदी, मेन हेयर जेल, सेप्टिलिन, साइस्टोन, बोनिसन और रुमलाय फोर्ट, काॅन्फीडो, लिव 52, हिमालया अश्वगंधा, हिमालया प्योर हैंड्स वाॅश, एंटी-डैंड्रफ शैम्पू, हिमालय प्यूरीहैंड्स एडवांस्ड, एंटी हेयर फॉल शैम्पू, आमंड एंड रोज सोप, स्पार्कलिंग व्हाइट टूथपेस्ट, एकटिव फ्रेस जेल, इसके अलावा और भी फार्मास्यूटिकल्स, व्यक्तिगत देखभाल, शिशु देखभाल, कल्याण, पोषण और पशु स्वास्थ्य उत्पाद बनाती हैं।
पतंजलि मुल्तानी मिट्टी साबुन
इस साबुन के घटको को साबुन के डिस्क्लेमर पेज पर अच्छे से बताया गया है जो कि आयुर्वेदिक जड़ी बुटी है अतः साबुन के ग्रेड और TFM नहीं दिया गया है।
यह पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड कंपनी का उत्पाद है जिसे सन् 2006 में स्वामी रामदेव जी ने स्थापित किया था यह कंपनी उत्तराखंड के हरिद्वार में स्थित है यह कंपनी विदेशी कंपनियों को टक्कर के उद्देश्य से विदेशी छोड़ो स्वदेशी अपनाओ के तहत शुरू किया गया था यह आयुर्वेद पर आधारित हैं हालांकि इसके काफी उत्पादों में केमिकल्स पाया जाता हैं। कंपनी ने जहाँ 2017 तक एक हजार रू. का टर्न ओवर हासिल किया था वही 2018-19 में कंपनी का टर्न ओवर 38000 करोड़ रहा। कंपनी का दावा है कि कंपनी का 2500 से अधिक उत्पाद और 50000 से अधिक देशभर में रिटेल स्टोर है। वर्तमान में स्वामी रामदेव ब्रांड प्रचारक, आचार्य बालकृष्ण एमडी और स्वामी मुक्तानन्द कंपनी के निदेशक है।
खादी नैचुरल सैंडलवुड साबुन
खादी नैचुरल सैफ्राॅन साबुन
खादी नीम हर्बल साबुन
खादी नीम तुलसी हर्बल साबुन
खादी नीम एलोवेरा हर्बल साबुन
यह सभी खादी इंडिया कंपनी के उत्पाद है जो खादी ग्रामोद्योग के तत्वाधान में संचालित हैं और यह भारत सरकार से सहबद्ध है इसे 2011 में स्थापित किया गया था। खादी के अनुसार, इन सभी साबुनो को चंदन के तेल, एलोवेरा, मुलेठी, रतन जोत, लाल चंदन की लकड़ी, ग्लिसरीन और वेजिटेबल ऑयल के मिश्रण द्वारा तैयार किया जाता है। इन प्राकृतिक तत्वों के कारण त्वचा को डिटॉक्सिफाइड करने और मुंहासे से छुटकारा दिलाने में मदद मिल सकती है। इसके सभी उत्पाद शैम्पू, फेसवॉश, साबुन, क्रीम, तेल प्राकृतिक आयुर्वेदिक और हस्तनिर्मित होते हैं। जिसमें जीरो केमिकल के तहत सभी प्रोडक्ट बनाये जा रहे है। किंतु इसके उत्पाद अन्य कंपनियों की अपेक्षा थोड़े महंगे होते है।
नीव चारकोल साबुन
सामग्री: चारकोल पाउडर, पाम ऑयल, ऑर्गेनिक कोकोनट ऑयल, ऑर्गेनिक कैस्टर ऑयल, ऑर्गेनिक महुआ ऑयल, लाइ, प्यूरीफाइड वाटर, लेमन ऑयल का शुद्ध आवश्यक तेल, अंगूर का तेल, पचौली ऑयल, रोज़ ऑयल, ऑरेंज ऑयल।।
इस साबुन का निर्माण नीव ब्रांड करती है जिसे 2007 में अनुराग और शिखा जैन ने किया था यह झारखंड में स्थित है जिसे वहां की ग्राम समुदाय की महिलाओं द्वारा हस्तनिर्मित किया जाता है यह ब्रांड कई व्यक्तिगत और घर देखभाल का उत्पाद बनाती है जो प्राकृतिक जड़ी-बूटियों से निर्मित होता है।
कैप्रिका कोकोनट आइल साबुन
साबुन के घटक - नारियल तेल, ले, प्राकृतिक इसेन्सियल लेवेन्डर तेल, टी ट्री तेल, वेगन ग्लिसरीन, आर्गेनिक टर्मेरिक।।
सेडार पचौली साबुन
साबुन के घटक: ताड़ के saponified तेल (जिम्मेदारी से खट्टा), नारियल, चावल की भूसी और अरंडी, देवदार की लकड़ी आवश्यक तेल, पचौली आवश्यक तेल।
लेवेंडर कोकोनट मिल्क साबुन
साबुन के घटक: हथेली के saponified तेल (जिम्मेदारी से खट्टा), नारियल, चावल की भूसी और अरंडी, लैवंडिन आवश्यक तेल, नारियल का दूध।
इसे कोकोनेस कंपनी बनाती है जो कि हस्तनिर्मित, आयुर्वेदिक है और भारतीय कंपनी है।
सोप बेस क्या है?
इन 3 इन्ग्रेडिएन्ट्स(अवयव) की मदद से घर पर ही बनाएं साबुन
1. सोप बेस
साबुन बनाने के लिए लाइ जैसे एक खतरनाक रसायन का इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन अगर आप सोप बेस से साबुन बनाने की प्रक्रिया शुरू कर रहें है तो ये एक बेस्ट आइडिया है. दरअसल, लाइ रसायन को सावधानीपूर्वक इस्तेमाल में लाया जाता है. हालांकि, सोप बेस ऐसा होना चाहिए, जिसमें कोकोनट मिल्क और शीया बटर के गुण शामिल हो. साथ ही साबुन बनाने के लिए फ्लेवर्ड सोप बेस का इस्तेमाल भी किया जा सकता है, जैसे एलोवेरा, हनी, गुलाब, पपीता व अन्य.
2. एसेंशियल ऑयल
साबुन बनाने में एसेंशियल ऑयल का रोल काफी अहम रहता है. इनकी मदद से बनाए जा रहे साबुनों में नई खुशबू डाली जाती है, साथ ही ये स्किन के लिए भी काफी फायदेमंद होते हैं. ध्यान रहे अगर आप घर पर साबुन बना रहे हैं तो लेवेंडर, ओरेंज, लाइम, गुलाब, लौंग जैसे इन्ग्रेडिएन्ट्स से बने एसेंशियल ऑयल का ही इस्तेमाल करें.
3. नेचुरल इन्ग्रेडिएन्ट्स
नेचुरल इन्ग्रेडिएन्ट्ससोप बनाने में अहम भूमिका निभाते हैं. इसलिए सोप बनाने के लिए लेमन, ओरेंज पील, ग्राउंड कॉफी जैसे इन्ग्रेडिएन्ट्स का इस्तेमाल किया जाना चाहिए.
होममेड सोप मेकिंग रेसिपी
1. सबसे पहले करीब 50 ग्राम सोप बेस को छोटे-छोटे टुकड़ों में काट लें. इसके बाद इन्हें उबाल लें. जब ये सोप बेस उबल जाए तो गैस बंद कर दें.
2. अब एशेंसियल ऑयल की 4-5 बूंदे इसमें मिलाएं.
3. इसके बाद ड्राई फूल व अन्य सामग्री इसमें मिलाएं और बनाई गई सामग्री को सिलिकॉन के सांचे में डालकर 7-8 घंटे के लिए छोड़ दें.
जानकारी अच्छा लगे तो आगे शेयर कीजिए और आपकी कोई भी राय हो तो हमें नीचे कमेंट बाक्स में कमेंट जरुर करें।
धन्यवाद 🙏
ConversionConversion EmoticonEmoticon